महासमुंद खनिज अधिकारी की टिप्पणी सेवा संहिता शर्तों का खुला उल्लंघन:रूपकुमारी

भारतीय जनता पार्टी की ज़िला अध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी ने RTI के तहत जानकारी में महासमुंद के ज़िला खनिज अधिकारी द्वारा दिए गए ज़वाब को सेवा संहिता की शर्तों का खुला उल्लंघन बताया है|

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महासमुंद| भारतीय जनता पार्टी की ज़िला अध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी ने RTI के तहत रेत खनन, परिवहन और भंडारण के संबंध में मांगी गई जानकारी में महासमुंद के ज़िला खनिज अधिकारी द्वारा दिए गए ज़वाब पर हैरत जताते हुए इसे सेवा संहिता की शर्तों का खुला उल्लंघन बताया है| उन्होने कहा कि एक अधिकारी का तथ्यात्मक जानकारी देने के बजाय राजनीतिक प्रभाव में आकर एक पक्ष को निर्णायक तौर पर क्लीन चिट देना निंदनीय है|

श्रीमती चौधरी ने कहा कि महासमुंद ज़िले में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन व भंडारण पर की गई कार्रवाई के संबंध में मांगी गई जानकारी के ज़वाब में महासमुंद के पूर्व विधायक व बीज व कृषि विकास निगम के अध्यक्ष तथा मौज़ूदा विधायक व संसदीय सचिव के साथ ही सत्ता पक्ष के कतिपय लोगों की भूमिका को लेकर उक्त अधिकारी ने जो टिप्पणी की है, वह हैरत में डालती है|

मौज़ूदा विधायक व संसदीय सचिव का नाम लेकर RTI की इस लिखित जानकारी में यह साफ़-साफ़ कहा जाना कि मौज़ूदा विधायक व संसदीय सचिव की इसमें कोई संलिप्तता नहीं है, पूरी तरह ग़ैर-ज़रूरी टिप्पणी है|  श्रीमती चौधरी ने कहा कि मांगी गई जानकारी में इस संबंध में सूचना प्राप्तकर्ता ने यह जानकारी जब मांगी ही नहीं तो फिर खनिज अधिकारी ने यह टिप्पणी क्यों की, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए|

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उक्त अधिकारी ने रेत के गोरखधंधे में सत्ता पक्ष के कुछ लोगों की संलिप्तता स्वीकार की और साथ ही यह भी कहा है कि इस बारे में पूर्व विधायक व मौज़ूदा बीज निगम अध्यक्ष का आरोप-प्रत्यारोप राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता प्रतीत होता है|

श्रीमती चौधरी ने कहा कि खनिज अधिकारी का ज़वाब यह ज़ाहिर करता है कि रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को लेकर की गई शिकायतों पर कार्रवाई करने में विभाग पूरी तरह नाकारा साबित हुआ है|  अपनी चमड़ी बचाने के लिए विभाग की ओर से इस तरह की ग़ैर-ज़रूरी टिप्पणियां करके लोगों को ग़ुमराह करने की कोशिश की जा रही है|

श्रीमती चौधरी ने कहा कि जब पूर्व विधायक ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजी अपनी शिकायत में मौज़ूदा विधायक के नाम का ज़िक्र तक नहीं किया है तो फिर खनिज अधिकारी ने किस आधार पर, किसके इशारे और दबाव में इस तरह की टिप्पणी की, इसकी जाँच होनी चाहिए|

उन्होने कहा कि खनिज अधिकारी ने रेत के गोरखधंधे में सत्तापक्ष के लोगों की संलिप्तता की बात कहकर भाजपा के उस आरोप को प्रमाणित भी किया है कि रेत माफियाओं को सत्ता-संरक्षण प्राप्त है| अपनी नाक़ामियों पर पर्दा डालने की विभागीय कोशिशों से पूर्व विधायक की मुख्यमंत्री को की गई शिकायत सही प्रतीत हो रही है|

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