भारतीय मूल की सीईओ यामिनी रंगन ने बताया, क्यों करती हैं रविवार को काम?

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नई दिल्ली: हबस्पॉट की सीईओ यामिनी रंगन, जो भारतीय मूल की एक प्रमुख कारोबारी हस्ती हैं, ने हाल ही में अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने के अनूठे तरीके के बारे में खुलासा किया. 34 अरब डॉलर की इस अमेरिकी टेक कंपनी की प्रमुख यामिनी ने बताया कि वह रविवार को काम करना पसंद करती हैं, क्योंकि यह दिन उन्हें अपनी शर्तों पर काम करने की आजादी देता है.

यामिनी ने एक पॉडकास्ट में कहा, “मैं रविवार को काम शुरू करती हूं, लेकिन अपने कर्मचारियों को ईमेल नहीं भेजती. यह मेरा समय है. मुझे यह तय करने की आजादी है कि मैं क्या सीखना चाहती हूं, क्या करना चाहती हूं, क्या सोचना चाहती हूं. यह पूरी तरह मेरा शेड्यूल है, जिसमें मेरे विचारों के अलावा कोई और चीज मुझे परेशान नहीं करती.” उन्होंने आगे बताया कि शनिवार उनके लिए पूरी तरह काम से मुक्त दिन होता है, जब वह ऑफिस के किसी भी काम से दूरी बनाए रखती हैं.

भारत में जन्मीं यामिनी ने छोटे शहर से निकलकर टेक जगत में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने कोयंबटूर की भरथियार यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बाद में अमेरिका में बर्कले की हास यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. हबस्पॉट में शामिल होने से पहले वह ड्रॉपबॉक्स, वर्कडे और एसएपी जैसी कंपनियों में अहम भूमिकाएं निभा चुकी हैं. 2021 में हबस्पॉट की सीईओ बनने के बाद उन्होंने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

यामिनी का मानना है कि रविवार को काम करने से उन्हें न केवल अपने विचारों को व्यवस्थित करने का मौका मिलता है, बल्कि यह उन्हें मानसिक रूप से अगले सप्ताह के लिए तैयार भी करता है. “मुझे रविवार का डर नहीं लगता. मैं इसे एंजॉय करती हूं, क्योंकि यह मेरा समय है,” उन्होंने कहा. उनके इस दृष्टिकोण ने न केवल उनके नेतृत्व को मजबूत किया, बल्कि कर्मचारियों के लिए लचीले और समावेशी कार्य वातावरण को भी बढ़ावा दिया.

उनकी यह कार्यशैली टेक इंडस्ट्री में एक नया नजरिया पेश करती है, जहां वह कड़ी मेहनत और निजी समय के बीच संतुलन को महत्व देती हैं. यामिनी की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने करियर में बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं.

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