रायपुर। विधानसभा में आज किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर भी सदन खूब गरमाया। तीखी नोंक-झोंक और शोर-शराबे के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल पूछा था, जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि अप्रैल 2020 से लेकर 1 फरवरी तक 2021 तक यानी 11 महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की है।
आंकड़ों को सुनकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस प्रदेश की रीढ़ की हड्डी किसानों को कहा जाता है, वहां इतनी बड़ी संख्या में किसानों की आत्महत्या हो जाती है और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक पटवारी को सस्पेंड किया जाता है, ये कहां तक उचित है।
धरमलाल कौशिक ने इस तंज पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने ये भी देखा है कि आपके कार्यकाल में हम जब किसानों के घर सहानुभूति देने पहुंचे थे, हमारे उपर केस दर्ज करा दिया गया था।
वहीँ गोठान व गौधन न्याय योजना को लेकर भी सदन में नोंकझोंक हुई। अजय चंद्राकर ने गोठान व गौधन न्याय योजना को मिले 350 लाख रूपये का मामला उठाया।
अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कोराना काल में आबकारी विभाग में सेस लगाया गया था, उस राशि का उपयोग गोठान व गौधन में किया गया, जबकि शराब पर सेस कोरोना के नाम पर लगाया गया था, लेकिन उस सेस की राशि का स्वास्थ्य व कोरोना संकट में उपयोग नहीं किया गया।
अजय चंद्राकर के बाद शिवरतन शर्मा ने पूरक सवाल उठाते हुए कहा कि गौठान की राशि को गोबर खरीदी में उपयोग किया जा रहा है, जबकि सेस की राशि को एक दूसरे मद पर खर्च नहीं किया जा सकता है। शिवरतन शर्मा ने सवाल पूछा कि क्या एक योजना की राशि को दूसरी योजना में खर्च कर सकते हैं क्या ?
… जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि उसी योजना में खर्च किया जा रहा है। बार-बार शिवरतन शर्मा ये पूछते रहे कि,. क्या एक योजना की राशि दूसरे में खर्च कर सकते हैं ?….बार-बार मंत्री रविंद्र चौबे यही जवाब देते रहे कि, उसी परिप्रेक्ष्य में शर्च किया जा रहा है। रविंद्र चौबे ने मजाकिया लहजे में पूछा कि, आखिर आप गोबर खरीदी के विरोध में क्यों है…जवाब में अजय चंद्राकर बोले- हम विरोध में नहीं है। उसके बाद रविंद्र चौबे ने कहा कि अगर गडकरी जी को पता चला ना तो क्लास लगा देंगे।