एक बरस पहले ओडिशा से कानन पेंडारी लाई गई मादा दरियाई घोड़े की मौत

एक बरस  पहले नंदन कानन भुवनेश्वर से कानन पेंडारी जू लाई गई मादा दरियाई घोड़े सहेली की मौत हो गई| मौत का कारण हार्ट अटैक आना बताया गया है| तीन बरस पहले भी हार्ट अटैक से सजनी नामक मादा दरियाई घोड़े की मौत हुई थी |

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बिलासपुर । एक बरस  पहले  ओडिशा के नंदन कानन  से कानन पेंडारी जू लाई गई मादा दरियाई घोड़े सहेली की मौत हो गई| मौत का कारण हार्ट अटैक आना बताया गया है| तीन बरस पहले भी हार्ट अटैक से सजनी नामक मादा दरियाई घोड़े की मौत हुई थी |

कानन पेंडारी जू में रखे गये 3 दरियाई  घोड़ों में दो मादा थे । कल शनिवार की सुबह   केयर टेकर ने तीनों को केज से निकाला गया और आहार दिया गया। इसके बाद सभी दरियाई घोड़े पानी में चले गये।

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11 बजे के आसपास दो दरियाई घोड़े  बाहर निकल आये पर तीसरे का पता नहीं चला। काफी देर बाद पता चला कि पानी के भीतर ही तीसरे दरियाई घोड़े की मौत हो गई है।

सहेली नाम की इस मादा दरियाई घोड़े  की उम्र 4 वर्ष थी, जिसे पिछले वर्ष फरवरी में एक अन्य, सखी के साथ नंदन कानन भुवनेश्वर से यहां लाया गया था।

मौत की सूचना मिलने पर कानन पेंडारी के अधिकारी व चिकित्सक वहां पहुंच गये। पशु चिकित्सक डॉ. आर. एम. त्रिपाठी, डॉ. राम ओत्तलवार, डॉ. अजीत पांडेय की टीम ने कल शाम   पोस्टमार्टम किया। उन्होंने बताया है कि मादा हिप्पोपोटामस की मौत हार्ट अटैक से हुई है। विसरा सुरक्षित रखने के बाद उसे कानन पेंडारी के ही एक हिस्से में दफना दिया गया।

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