पेंशन के लिए घिसटते हर बार 2 किमी दूर बैंक का सफ़र

पेंशन के लिए दिव्यांग संदीप को हर बार घिसटते हुए 2 किलोमीटर दूर भारतीय स्टेट बैंक तक का सफ़र पूरा करना पड़ता है|  दिव्यांग की मजबूर बुजुर्ग माँ  के अकेले आने पर बैंक अफसर संदीप को हाजिर  करने का आदेश सुना देते है |

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पिथौरा| पेंशन के लिए दिव्यांग संदीप को हर बार घिसटते हुए 2 किलोमीटर दूर भारतीय स्टेट बैंक तक का सफ़र पूरा करना पड़ता है|  दिव्यांग की मजबूर बुजुर्ग माँ  के अकेले आने पर बैंक अफसर संदीप को हाजिर  करने का आदेश सुना देते है |  इस सम्बंध में स्थानीय स्टेट बैंक प्रबंधक से चर्चा का प्रयास किया गया परन्तु उन्होंने मोबाइल रिसीव ही नही किया।

पिथौरा नगर से  दो किलोमीटर दूर स्थित ग्राम लाखागढ़ का स्व असमन कोसरिया का परिवार दिव्यांग संदीप के जन्म के बाद से ही खासा परेशान है। संदीप के पिता असमन अपने जीते तक कोई 10 साल से अधिक समय तक  अपने दिव्यांग बच्चे को लेकर  नेताओ एवम अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगाता  थक गया |  इलाज न करा पाने की चिंता से  कम समय मे ही बीमार हो कर दुनिया से विदा हो गया। वही उसके निधन के बाद  उसका एक बड़ा बेटा घर से कहीं  चला गया है|  लिहाजा अब संदीप अपनी माँ पुन्नी कोसरिया एवम एक बहन के साथ लाखागढ़ मे  रहता है।

मात्र तरल खाद्य पर ही जीवित है संदीप

पिता असमन जीवित रहते काफी चक्कर लगाने के बाद भी पुत्र संदीप का उपचार नही  करवा पाया | उसे  डॉक्टरों ने बताया कि संदीप की जीभ ज्यादा मोटी है जिसका उपचार सम्भव नही है लिहाजा उसे तरल पर ही जीवित रखा जा सकता है |

इसके बाद नियमानुसार उसे दिव्यांग पेंशन योग्य समझते हुए उसका नाम जोड़ा गया जहां से उसे 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलता है। इस पेंशन में भी अब अड़चन आने लगी है |

पहले  ज़ब संदीप छोटा था और पिता जीवित थे तब उसे गोद में ले कर बैंक जाकर पेंशन ले आते थे और बच्चे के लिए कुछ आवश्यक सामग्री खरीदते थे|

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अब संदीप 25 साल का हो चुका है| पिता के निधन और कमजोर बुजुर्ग माँ  की असमर्थता एवम पैसों की अति आवश्यकता ने दिव्यांग संदीप को घिसट कर बैंक तक आने  मजबूर कर दिया है |

मजबूर बुजुर्ग  माँ पुन्नी  और  बेटे को देखकर भी बैंक कर्मियों अफसरों का मन नहीं  पसीजता |  वे माँ  के अकेले आने पर उसे  दुबारा भेज कर बेटे  को बैंक में उपस्थित करने का आदेश सुना देते है।

बेंक के इस सिस्टम से बुजुर्ग  माँ पुन्नी  परेशान हो गयी है। पुन्नी चाहती है कि बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र द्वारा उन्हें उसके अकेले आने पर या घर से सन्दीप का अंगूठा लगवा कर उन्हें नियमित पेंशन दे दे।

बैंक अधिकारी मोबाइल रिसीव नहीं  करते

उक्त मामले में इस प्रतिनिधि ने स्थानीय स्टेट बैंक के प्रबंधक से चर्चा करने उनके मोबाइल  99935 98236 में लगातार संपर्क  किया परन्तु काल रिसीव नहीं  किये जाने से  उनका पक्ष नहीं लिया जा सका |

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की रिपोर्ट

 

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