देवपुर वन परिक्षेत्र: चीतल मांस के साथ आरोपी गिरफ्तार
देवपुर वन परिक्षेत्र में पेशेवर शिकारियों द्वारा लगातार शिकार कर मांस राजधानी सहित आसपास के शहरों में सप्लाई करने सम्बन्धी खबरो के बाद मंगलवार को गस्त के दौरान चीतल शिकार के एक आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की है, आरोपी के पास से चीतल मांस एवम शिकार में प्रयुक्त औजार जब्त किये हैं.
पिथौरा।देवपुर वन परिक्षेत्र में पेशेवर शिकारियों द्वारा लगातार शिकार कर मांस राजधानी सहित आसपास के शहरों में सप्लाई करने सम्बन्धी खबरो के बाद मंगलवार को गस्त के दौरान चीतल शिकार के एक आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की है, आरोपी के पास से चीतल मांस एवम शिकार में प्रयुक्त औजार जब्त किये हैं. आरोपी को वन्य प्राणी अधिनियम के तहत 14 दिन की रिमांड में जेल,
भेजा गया है.
मिली जानकारी अनुसार मुख्य वनसंरक्षक रायपुर वृत्त, रायपुर राजू अगासिमनी के मार्गदर्शन, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार, मयंक अग्रवाल के निर्देशन एवं उप वनमण्डलाधिकारी कसडोल अक्षय दिनकर भोसले के नेतृत्व में गश्त के दौरान वन परिक्षेत्र देवपुर अन्तर्गत धमलपुरा बीट के कक्ष क्रमांक 292 के मुंशी तालाब में मंगलवार को अपरान्ह 4:10 बजे वन्यप्राणी चीतल का मांस काटते हुए समारू बिसी वल्द उसत बिसी जाति सवरा उम्र 69 वर्ष निवासी ग्राम धमलपुरा जिला बलौदाबाजार (छ.ग.) को रंगे हाथों पकड़ा गया. आरोपी के निवास पर तलाशी लेने पर 1 नग साही पोटा (Porcupine intestine) बरामद किया गया.
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बहरहाल आरोपी के विरूद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39, 50,51 के तहत न्यायालय बलौदाबाजार में पेश किया गया. माननीय न्यायालय द्वारा 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर आरोपी समारू को उपजेल बलौदाबाजार भेज दिया गया है.
ज्ञात हो कि वर्तमान में देवपुर वन परिक्षेत्र के कुछ ग्रामो में पेशेवर शिकारियों द्वारा शिकार कर इनका मांस बड़े शहरों में बेचे जाने सम्बन्धी खबर का प्रकाशन देश डिजिटल में किया गया था. उसके बाद वन विकास निगम क्षेत्र में कथित रूप से विचरण कर रहे बाघ को ट्रेस करने ट्रैप कैमरे लगाए गए थे. जिसमें एक कैमरे में कुछ शिकारी कैद हो गए थे. उसके बाद मंगलवार को पुनः बाघ की तलाश में गश्त करने वाली टीम के हत्थे शिकारी चढ़ गए.
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बहरहाल उक्त प्रकरण की संपूर्ण कार्यवाही में उप वनमण्डलाधिकारी कसडोल, वन परिक्षेत्र अधिकारी देवपुर (सा.), वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान (सा.) तथा देवपुर एवं सोनाखान वन परिक्षेत्र के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं सुरक्षा श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा