देवी मंदिरों में ज्योति-ज्वारा लगाने वाले भक्तों की भारी भीड़
पिथौरा नगर के देवी मंदिरों में कल ज्योति प्रज्ज्वलित कर ज्वारा लगाने वाले भक्तों की भारी भीड़ रही. इसके अलावा रविवार की देर रात तक नगर एवम क्षेत्र के दुर्गा पंडालों में मूर्ति स्थापना एवम पूजन का कार्यक्रम चलता रहा.
पिथौरा| पिथौरा नगर के देवी मंदिरों में कल ज्योति प्रज्ज्वलित कर ज्वारा लगाने वाले भक्तों की भारी भीड़ रही. इसके अलावा रविवार की देर रात तक नगर एवम क्षेत्र के दुर्गा पंडालों में मूर्ति स्थापना एवम पूजन का कार्यक्रम चलता रहा.
नगर के पुरातन शीतला मंदिर सहित चार प्रमुख मंदिरों में कल रविवार को घट स्थापना कर कोई 1000 से अधिक ज्योत जलाई गई. इनमे शीतला मंदिर में सर्वाधिक 396 वन विभाग दुर्गा मंदिर में 366 एवम मंदिर चौक स्थित दुर्गा मंदिर में 260 आस्था की ज्योति जलाई गई.
सभी मंदिरों में कल दोपहर से देर रात तक श्रद्धालुओ का आना एवम माताजी का दर्शन करना जारी था. मंदिर समितियों के अनुसार अष्टमी के दिन हवन पूजन के बाद ज्वारा विसर्जन किया जाएगा.
वही दूसरी ओर नगर एवम आसपास के दर्जनों दुर्गा पंडाल में अष्टमी एवम नवमी में भी हवन पूजन चलता रहेगा.मूर्ति विसर्जन दशहरा मना कर दूसरे दिन किया जाएगा.
अचार संहिता का असर पड़ेगा दुर्गा रौनक पर
यह चुनावी वर्ष होने के कारण वर्तमान में आचार संहिता लागू है. इसलिए रात 10 बजे तक ही किसी भी कार्यक्रम को समाप्त करना अनिवार्य है. इसी तरह दुर्गा पंडालों में बजने वाले भजन एवम माता सेवा पर भी इसका असर पड़ेगा. इस वर्ष दुर्गा पंडालों एवम दुर्गा मंदिरों में चलने वाले गरबा 10 बजे तक समाप्त होने से आमलोगों में खासा आक्रोश दिखाई दिया.

इसके बारे में कुछ समितियों के पदाधिकारियों का मानना है कि गरबा एवम डांडिया प्रारम्भ होने का समय ही 10 बजे है. तब इसे 10 बजे बन्द करने का निर्णय कहा तक उचित है. यह पूरी तरह धार्मिक पर्व है इसमें कही राजनीति नही है लिहाजा शर्तो के साथ प्रशासन को इसके लिए अनुमति दी जानी चाहिए.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा