किशनपुर : भाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर बीमा की राशि निकाली !

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाखों  रुपये निकाल कर शासन को खासा नुकसान पहुँचाने का मामला सामने आया है. यह मामला तब खुला जब फर्जी बीमा से मिली आधी राशि के बाद कुछ दलालों द्वारा कथित हितग्राहियों को शेष बची राशि दिलाने के लिए इसकी शिकायत पुलिस से की.

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 विशेष संवाददाता
महासमुन्द| फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाखों  रुपये निकाल कर शासन को खासा नुकसान पहुँचाने का मामला सामने आया है. यह मामला तब खुला जब फर्जी बीमा से मिली आधी राशि के बाद कुछ दलालों द्वारा कथित हितग्राहियों को शेष बची राशि दिलाने के लिए इसकी शिकायत पुलिस से की.

उक्त ताजा मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक  के ग्राम किशनपुर का है. यहां के निवासी मनोज बारीक पिता गोकुल बारीक की मृत्यु कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 16 अवटुबर 2021 को हो गयी थी. मनोज की मृत्यु के बाद उसका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा नही होने से उन्हें किसी भी तरह की कोई सहायता प्राप्त नही हुई थी.

बताया जाता है कि मृतक के भाई फिरोज बारीक द्वारा पिछली किसी तारीख में बीमा करवा कर प्रधानमंत्री बीमा से क्लेम लेने की योजना बनाई. लिए फिरोज ने पहले स्थानीय स्तर पर किसी बैंक से पिछली किसी तारीख से बीमा करवाना चाहता था परन्तु यहां किसी भी बैंक में उसे सफलता नही मिलने पर वह बागबाहरा के बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मैनेजर के एक परिचित के जरिये बागबाहरा गया.

बागबाहरा के बैंक में उसने अपने भाई मनोज बारीक के नाम से एक खाता खुलवा कर 24 मई 2022 को उसका बीमा इसी बैंक के माध्यम से करवा दिया. इसके बाद 29 मई को मनोज की मृत्यु बता कर बकायदा उसका सांख्यिकी विभाग से जारी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत कर बीमा राशि का क्लेम किया गया.

इस क्लेम के बाद बागबाहरा बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा बीमा राशि 2 लाख रुपये स्वीकृत कर दी गयी. परन्तु बैंक वालो द्वारा फिरोज को उसका खाता छोटा होने के कारण उसमें 2 लाख नही डाल पाने की बात कही.

इस पर फिरोज बारीक ने अपने एक रिश्तेदार पिथौरा के  गिरना निवासी किशोर प्रधान के बड़े खाते में 2 लाख क्लेम की राशि डालने का निवेदन किया था. तब बीमा की उक्त राशि किशोर प्रधान के खाते में डाल दी गयी.

इसके बाद किशोर प्रधान के खाते से बैंक में ही 2 लाख रुपये निकाल कर फिरोज ने अपने पास रख लिए. बताया जाता है कि इसी नगद राशि से बैंक में ही कुछ राशि की बंदर बांट कर ली गयी.

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 क्लेम किया तो आधा मिला –फिरोज
इधर मृतक मनोज बारीक के भाई फिरोज बारीक ने बताया कि बागबाहरा बैंक ऑफ बड़ौदा से उनका परिचय ग्राम के निरंजन बरिहा एवम ऋषिकेश प्रधान के साथ गिरना के किशोर प्रधान के जरिये हुआ था. उसने ग्राम पंचायत से मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर क्लेम किया था.

फिरोज ने यह भी कबुल किया कि मनोज की मृत्यु के बाद ही उसका बीमा उक्त बैंक की बागबाहरा ब्रांच से किया गया था. जबकि मृतक का मृत्यु के पूर्व बागबाहरा बैंक ऑफ बड़ौदा में कोई खाता नही था .क्लेम राशि मिलने के बाद उनके हाथ आधा ही आया. अब वे बैंक से परिचय करवाने वाले एवम अपने बड़े खाते में रुपये डाल कर उन्हें आधे रुपये ही दिए गए इसलिए अब वे बचे आधे रुपये किशोर प्रधान से वापस मांग रहे हैं. इसके लिए उन्हीने पुलिस को आवेदन भी दिया है.

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 मृतक से करीबी सम्बन्ध के कारण भी फिरोज के साथ गया था–किशोर

दूसरी ओर पूरे मामले में मृतक परिवार द्वारा गिरना निवासी किशोर प्रधान पर बीमा राशि का आधा हड़पने का आरोप लगाया गया है. इस सम्बंध में किशोर प्रधान से चर्चा करने पर उसने बताया कि मनोज बारीक से उसके पारिवारिक सम्बन्ध थे. चूंकि उसकी मौत कोरोना के दौरान हुई थी. मौत के बाद वह उनके घर किशनपुर गया था. इस दौरान उसके भाई फिरोज बारीक ने निरंजन बरिहा के साथ मुझसे बैंक ऑफ बड़ौदा में मनोज का बीमा क्लेम हेतु चर्चा की.

उनका बैंक खाता पिथौरा शाखा में था परन्तु फिरोज ने कहा कि मुझे बागबाहरा में क्लेम करना है आपका परिचय है मेरा भी करवा दो. मैने बागबाहरा जाकर बैंक मैनेजर से सबका परिचय करवा दिया. इसके कुछ ही दिन बाद फिरोज ने बताया कि हमारे परिवार में सबके छोटे खाते है. आपका बड़ा खाता है इसलिए क्लेम की राशि अपने खाते में डाल देंगे और फिर नगद निकाल कर मुझे दे देना. आपसी सम्बन्धो के कारण मैने यह सब किया और सबके सामने मैने फिरोज को रुपये दे दीये थे. मुझे बाद में पता चला कि मृतक मनोज का बीमा उसकी मृत्यु के बाद करवाया गया है.

मृतक के दो मृत्यु प्रमाण पत्र

हमेशा से चर्चा में रहने वाला किशनपुर इस बार बैंक की आंखों में धूल झोंक कर मृत्यु क्लेम वसूलने के कारण चर्चा में है. स्थानीय जनपद पंचायत से रिकॉर्ड निकलवाने पर पता चला कि मनोज की वास्तविक मृत्यु 16-10-2021 को कोरोना संक्रमण से हुई थी. जिसका सरकारी मुआवजा 50 हजार भी उसे मिल चुका है.

परन्तु  फिरोज बारीक ने भाई की मौत में भी धन कमाने की चहत में पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार जारी क्यू आर कोड वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में भी छेड़खानी कर एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, इसमें मनोज की मृत्यु तिथि 29-5-2022 दर्ज की गई है.

क्लिक करें देखें पीडी एफ फ़ाइल kishanpur-13

जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा से मनोज का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना बीमा 19-01-2022 की तिथि में करवाया गया है. इस तरह मृतक मनोज बारीक के दो मृत्यु प्रमाण पत्र सामने आए है. परन्तु फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र में लगे क्यू आर कोड स्कैन से मनोज की वास्तविक मृत्यु तिथि 16-10-2021 दिखाई दे रही है.

उक्त मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा बागबाहरा के शाखा प्रबंधक से इस सम्बंध में चर्चा का प्रयास किया गया परन्तु उनसे सम्पर्क नहीं  होने से उनका पक्ष नहीं  लिया जा सका.

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