बहाल बोइरलामी पंचायत सचिव वृंदावन विश्वकर्मा फिर निलंबित

14 ,15 वित्त मद से लाखों की गड़बड़ी के आरोप में निलम्बित बोइरलामी सरपंच को पुनः बहाल करने की खबर desh digital में प्रकाशन के बाद आज जिला पंचायत द्वारा पुनः सचिव वृंदावन विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है.

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पिथौरा| 14 ,15 वित्त मद से लाखों की गड़बड़ी के आरोप में निलम्बित बोइरलामी सरपंच को पुनः बहाल करने की खबर desh digital में प्रकाशन के बाद आज जिला पंचायत द्वारा पुनः सचिव वृंदावन विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है.

ज्ञात हो कि खबर प्रकाशन के बाद उक्त आरोपी सचिव द्वारा अपने एक मित्र पंचायत सचिव राजेन्द्र सोनी को बगैर कोई दस्तावेज दिए ही प्रभार सौंप दिया था. परन्तु कल शाम जांच अधिकारी टीम द्वारा दस्तावेज मांगे जाने पर श्री सोनी दस्तावेज उपलब्ध नही करवा सके.

बोइरलामी ग्राम पंचायत सचिव वृंदावन विश्वकर्मा के विरुद्ध जांच कर रही टीम को अब उक्त आरोपी सचिव ही जांच की तारीख देने लगे है.

लाखों के गबन के आरोपी, जाँच टीम को देख भागा निलंबित बोइरलामी पंचायत सचिव बहाल

ग्रामीण सूत्रों के अनुसार कल शाम पिथौरा जनपद द्वारा उक्त मामले हेतु गठित जांच टीम ग्राम बोइरलामी पहुची. ग्राम में नए प्रभार लिए सचिव राजेन्द्र सोनी भी पूरी तरह पूर्व में निलंबन बहाली का खेल खेल रहे वृंदावन विश्वकर्मा की तरह ही निकले.

श्री सोनी ने जांच टीम को बताया है कि उन्होंने  पंचायत में रखे  कुर्सी -टेबल एवं बैंक पासबुक चेक बुक ही प्रभार में उन्हें दी है. शेष कोई दस्तावेज प्रभार में नही दिए गए.

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जिस पर तत्काल टीम द्वारा वृंदावन को तलब किया गया. बहाल होने के बाद उत्साह से भरे सचिव विश्वकर्मा ने खुद जांच का सामना करने की बजाय एक नेता की धौंस देते हुए टीम को उनसे बात करने कहा. ज़ब टीम द्वारा यह बताया गया कि वे जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर निष्पक्ष जांच करने आये है. तब वृंदावन ने उल्टे जांच टीम को ही जांच की तारीख दे दी. उसने जांच टीम को 3अक्टूबर  को आने के लिए कहा है.

अधूरा प्रभार- जनपद में भी यही जमा–जांच टीम
इधर जांच टीम के प्रमुख रेशमलाल भारती ने इस प्रतिनिधि को बताया कि पूर्व में निलंबित होकर पुनः बहाल हो चुके सचिव ने नए सचिव राजेन्द्र सोनी को पूरा प्रभार नही सौंपा है. प्रभार के समय मौके पर सरपंच को नही बुलाया गया. आधे-अधूरे वित्त विहीन प्रभार की कॉपी भी जनपद कार्यालय में जमा करवाई गई है. पूरे मामले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जिला पंचायत भेज दी गयी है.

तीन तारीख को ग्रामीणों को बुलाया गया–सोनी
विकास खण्ड के विवादित पंचायत सचिव वृंदावन विश्वकर्मा सभी वित्तीय दस्तावेज पंचायत के सामने 3 अकटुबर को रखेंगे. लिहाजा इसकी जानकारी पूरे ग्राम पंचायत वासियों को दे दी गयी है. ज्ञात हो कि श्री सोनी ने नियमविरुद्ध सरपंच को बगैर बुलाये बगैर आवश्यक दस्तावेज लिए ही प्रभार ले लिए. यहां तक कि उन्होंने इस असंवैधानिक प्रभार की कॉपी भी जनपद में जमा करवाई है. जबकि जानकर बताते है कि प्रभार की कॉपी का निरक्षण किये बगैर जनपद कार्यालय में प्रभार कॉपी जमा नही की जाती परन्तु उक्त मामले में सभी मामले शिथिल कर दिए गए.

ऊंची पहुंच के कारण उत्साहित थे सचिव

ग्रामीणों से चर्चा करने पर यह बात सामने आई कि पंचायत सचिव लगातार 9 वर्षों से एक ही ग्राम पंचायत बोइरलामी में पदस्थ है.यहां अपनी ऊंची पहुच के चलते वे पंचायत के अनेक मद की राशि ऑनलाइन महिला सरपंच के डिजिटल हस्ताक्षर से निकलते रहे है. इसकी शिकायत भी ग्रामीण लगातार करते रहे है. इनके विरुद्ध अनेक जांच आदेश भी जारी हुए परन्तु जांच अधिकारी के ग्राम में जांच हेतु पहुँचने के पूर्व ही इस सचिव के प्रभाव से जांच टीम को बैरंग लौटना पड़ता था.

परन्तु इस बार पूरी जानकारी desh digital में प्रकाशन के बाद उच्च अधिकारियों के यहां हुए काले कारनामो की जानकारी हुई और तत्काल कार्यवाही भी की गई. अब देखना यह होगा कि अपनी ऊंची पहुंच के लिए प्रसिद्ध आरोपी सचिव को प्रशासन कितने दिन निलम्बित रख पाता है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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