आज धनतेरस: तेल महंगा, दिये को चिढ़ा रहा सस्ता रंगीन चाइना लाइट, बाजार सूना

महंगे तेल की वजह से दिये ग्राहक को तरस रहे हैं | सस्ते रंगीन चाइना लाइट की मांग बढ़ गई | उधर छोटे किसान - मजदूर के जेब खाली हैं , लिहाजा आज धनतेरस के दिन भी बाजार की सुस्ती कायम रही |

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पिथौरा| महंगे तेल की वजह से दिये ग्राहक को तरस रहे हैं | सस्ते रंगीन चाइना लाइट की मांग बढ़ गई | उधर छोटे किसान – मजदूर के जेब खाली हैं , लिहाजा आज धनतेरस के दिन भी बाजार की सुस्ती कायम रही |

आज धनतेरस के दिन भी बाजार की सुस्ती ने मध्यम एवम निम्न वर्ग के व्यवसायियों को चिंता में डाल दिया है। महंगाई की मार से इस बार बाजार सूना है।जिसका असर पारम्परिक दिया एवम मूर्ति बना कर बेचने वालों एवम छोटी दुकान लगा कर दीवाली खर्च निकालने वाले परिवारों पर पड़ रहा है।

देश भर में महंगाई का असर क्षेत्र के बाजारों पर भी पड़ रहा है।खासकर ग्रामीण एवम शहरी क्षेत्र के छोटे किसान मजदूरों पर इसका असर अधिक है। एक व्यवसायी के अनुसार वर्तमान में शासकीय सेवा में लगे लोगो के पास ही खर्च करने के लिए रुपये है। शेष ग्रामीण मजदूर एवम छोटे व्यवसायी पूरी तरह कंगाली के कगार पर है। इनकी दिन भर की मेहनत मात्र महंगी सब्जी में ही खर्च हो रही है।

इसके बाद भी ज़ब दीपावली खरीदी की बात आती है तब ये परिवार मात्र औपचारिकता पूरी करने एक सस्ती झालर लाइट या मोमबत्ती खरीद कर ही अपना बमुश्किल गुजारा कर रहे है।

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इस सम्बन्ध में दिया ,आरती एवम लक्ष्मी मूर्ति बना कर बेचने वाले सबसे अधिक परेशान है। उक्त सामग्री बना कर बेचने वाले जन्थिर प्रजापति ने बताया कि विगत वर्ष तक दिए 10 रुपये के 5 बेच रहे थे परन्तु इस बार उनकी मेहनत की मजदूरी भी नही निकल रही है क्यों कि दिए के भाव अब 10 रुपये के 10 से 12 बिक रहे है। जबकि फैंसी दिए 4 से 5 रुपये नग बिक रहे है।

श्री जन्थिर ने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा मिट्टी का सामान पकाने के लिए आवश्यक लकड़ी में भी कोई छूट नही दी जा रही जिससे 500 रुपये क्विंटल खरीद कर मिट्टी के समान पकाए जा रहे है।लिहाजा लागत और मेहनत तो बढ़ी है परन्तु अब फायदे की जगह नुकसान होने लगा है।

वही एक दिव्यांग शंभूलाल प्रजापति ने बताया कि पहले कुम्हारी सामग्री विक्रय से उनका घर परिवार का खर्च चल जाता था।परन्तु इस वर्ष दिए विगत वर्षों से महंगी सामग्री खरीद कर मेहनत से बनाये दिए भी आधी कीमत में बेचे जा रहे है।इसके बावजूद लोग कम खरीद रहे है।इसका कारण तेल की कीमतों में बेहिसाब बढ़ोतरी ही है।

इधर फैंसी दिया एवम मूर्ति बेचने वाले व्यवसायी राजू कोठारी ने बताया कि उनकी दुकान में ज्यादातर फैंसी सामग्री की ही मांग है।ग्रामीण क्षेत्र की ग्राहकी कम है।परन्तु सरकारी कर्मचारियों एवम बड़े किसानों के भरोसे ही बाजार टिका है।वरना छोटे किसान एवम आम आदमी के जेब खाली है।इसलिए इस बार रंगीन चाइना लाइट की मांग अधिक है।उच्च वर्ग की पसंद फैंसी दिए ही बने हुए है।परन्तु महंगे तेल ने दियो की बिक्री को खासा प्रभावित कर दिया है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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