बार में भालू के हमले में युवक घायल

समीप के बार अभ्यारण्य से लगे वन क्षेत्रों में लगातार भालू के हमलों से क्षेत्रवासियों भयभीत है। मंगलवार को भी शौच के लिये गए बालमदेही नदी के किनारे आड़ पत्थर नामक स्थान पर भालू ने एक और युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया।

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पिथौरा। समीप के बार अभ्यारण्य से लगे वन क्षेत्रों में लगातार भालू के हमलों से क्षेत्रवासियों भयभीत है। मंगलवार को भी शौच के लिये गए बालमदेही नदी के किनारे आड़ पत्थर नामक स्थान पर भालू ने एक और युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया।बहरहाल वन विभाग द्वारा घायल ग्रामीण का उपचार करवाया जा रहा है।

कोठारी परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 177 की ओर ग्राम गुढ़ागढ़ के लखन पिता तुलाराम गोंड़ उम्र 40 वर्ष को मंगलवार की सुबह एक भालू ने अचानक हमला कर घायल कर दिया।सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एस पी जाधव ने इस सम्बंध में बताया कि दिनांक मंगलवार को सुबह 9 बजे लखन गोंड़ अपने घर से खेत काम करने निकला था इस दौरान शौच लगने से खेत के समीप बालमदेही नदी के किनारे शौच करने गया।ठीक उसी समय नदी के किनारे भालू से मुड़भेड़ हो जाने से भालू ने हमला कर दिया।लखन गोंड़ ने अपने बचाव के लिए चीख पुकार मचाई।

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जिसे सुन करत आस-पास खेतों में काम कर रहे लोगों ने सुना और भालू से लखन को बचाने दौड़ पड़े।ग्रामीणों को अपनी ओर आते देख भालू जंगल की ओर भाग निकला।इस हमले से लखन के बाँया पैर में चोट आई है।इसके बाद घटना की  जानकारी वन विभाग को दी गई वन रक्षक नरेन्द्र भगत, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एस पी जाधव ने तत्परता से गांव वालों की मदद से लखन को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बार लाया।जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालात को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसडोल रिफर कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एक दिन पहले इसी ग्राम गुढ़ागढ़ के चमरू बरिहा पिता बोधराम बरिहा उम्र 62 वर्ष को भालू ने अचानक हमला करते हुए गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था।

अभी शावकों की रक्षा हेतु कर रहे हमले

भालुओं के इस मौसम में आक्रमक होने की घट रही घटनाओं के सम्बन्ध में सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर आर के एस ठाकुर ने बताया कि अभी सावन माह में आम तौर पर भालुओं का बच्चे जन्मने का समय माना जाता है।इस समय मादा भालू अपने शावकों को बचाने 100 से 150 मिटर दूर तक घूम घूम कर अपनो बच्चों की सुरक्षा हेतु सजग रहती है।इस बीच उसे कोई भी मानव या जानवर भी दिख जाए तो वह उसे क्षेत्र से बाहर कर के ही छोड़ती है।लिहाजा उक्त क्षेत्र के ग्रामीणों को अभी सतर्क रहने की आवश्यकता है।  (Deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा)

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