कोरोना से बचने के लिए नीले सर्जिकल काफी नहीं

कनाडा की वॉटरलू यूनिवर्सिटी में हुई ताजा स्टडी में बताया गया है कि यह मास्क कोविड-19 से बचाने के लिए काफी नहीं है।

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वॉशिंगटन । कनाडा की वॉटरलू यूनिवर्सिटी में हुई ताजा स्टडी में बताया गया है कि यह मास्क कोविड-19 से बचाने के लिए काफी नहीं है।

इसमें दिखाया गया है कि एन 95 और केएन 95 मास्क ने नीले मास्क की तुलना में ज्यादा एरोसॉल की बूंदों को रोका था। दूसरी ओर नीले मास्क सिर्फ 10 प्रतिशत असरदार पाए गए।

मैकेनिकल ऐंड मेकाट्रॉनिक्स इंजिनियरिंग के प्रोफेसर और स्टडी के लीडर सरही यारूसेविच के मुताबिक, करीब रहने या कमरे के अंदर ही दूर रहने पर भी सुरक्षा के लिए चेहरा ढकना जरूरी है।

हालांकि, एयरोसॉल को रोकने के लिए अलग-अलग मास्क में अंतर काफी गंभीर है। यारूसेविच और उनकी टीम का कहना है कि कई लोग ऐसे मास्क पहनते हैं जो उनके चेहरे पर फिट नहीं होते।

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दूसरी ओर एन95 मास्क चेहरे पर अच्छे से फिट होता है। कपड़े के मास्क के कारण एरोसॉल बाहर भी निकल सकता है।

वहीं, एन95 50 फीसदी से ज्यादा एरोसॉल फिल्टर कर सकता है जबकि बाकी तितर-बितर हो जाती हैं और इन्फेक्शन का खतरा नहीं रह जाता।

यारूसेविच का कहना है कि इसी लिए मेडिकल प्रैक्टिशनर एन 95 मास्क पहनते हैं क्योंकि वे ज्यादा असरदार होते हैं। हमने इस स्टडी में इसके पीछे ठोस कारण और डेटा दिया है।

उनकी टीम का कहना है कि वेंटिलेशन टेस्ट में पाया गया है कि ठीक-ठाक वेंटिलेशन दर पर भी अच्छी क्वॉलिटी के मास्क की तरह सुरक्षा मिलती है।

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