जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता देश का नागरिक विजय का आनंद नहीं ले पाता:पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80वें संस्‍करण की शुरुआत में मेजर ध्यानचंद जी को यादकर की।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 80वें संस्‍करण की शुरुआत में मेजर ध्यानचंद जी को यादकर की।

पीएम मोदी ने कहा, खेलों में कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले पाता है।

चार दशक के बाद इस बार ओलंपिक में हॉकी को पदक मिला। आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर वो जहां होंगे वहां कितनी प्रसन्नता होती होगी।

पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां संस्कृत के बारे में कहा गया है- अमृतम् संस्कृतम् मित्र, सरसम् सरलम् वचः, एकता मूलकम् राष्ट्र, ज्ञान विज्ञान पोषकम्।

अर्थात, हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है। संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है। उसे मजबूत करती है। संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है।

पीए ने कहा, आज के समय में एक नई जागरूकता आई है। अब समय है कि इस दिशा में हम अपने प्रयास और बढ़ाएं। हमारी विरासत को संजोना, उसको संभालना, नई पीढ़ी को देना ये हम सबका कर्तव्य है। और भावी पीढ़ियों का उस पर हक भी है। अब समय है इन कामों के लिए भी सबका प्रयास ज्यादा बढ़े।

पीएम मोदी ने कहा, जब खेल-कूद की बात होती है तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है।

युवा का मन बदल चुका है और आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से निकलकर कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है। आज का युवा पुराने बने हुए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है।

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वो नए रास्ते बनाना चाहता है। नई जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई। आज का युवा एक बार जब मन में ठान लेता है तो जी-जान से जुट जाता है।

दिन-रात मेहनत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें ये याद रखना है कि स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है।

हमारे देश में जितने ज्यादा शहर ‘वाटर पलस सिटी’ होंगे उतना ही स्वच्छता भी बढ़ेगी, हमारी नदियां भी साफ होंगी और पानी बचाने की एक मानवीय जिम्मेवारी निभाने के संस्कार भी होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद का जीवन खेल को समर्पित था। इस बार ओलंपिक में चार दशक के बाद पदक मिला। हर परिवार में अब खेलों के बारे में चर्चा होने लगी है।

अब खेल-कूद को रूकना नहीं है। ये भी राष्ट्र की बहुत बड़ी शक्ति बनकर उभरेगा। देश के युवाओं ने मन में ठान लिया कि कैसे दुनिया में भारत के खिलौनों की पहचान बनानी है।

पीएम ने कहा कि हमने अभी कुछ समय पहले ही अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोला था और देखते ही देखते युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया और इसका लाभ उठाने के लिए कालेजों के छात्र, यूनिवर्सिटी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले नौजवान बढ़-चढ़ करके आगे आए हैं और मुझे पक्का भरोषा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे उपग्रह की होगी, जिसपर हमारे युवाओं ने काम किया होगा।

आज का युवा नए रास्ते बनाना चाहता है। अनजानी जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी। इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से कार्यक्रम मन की बात के लिए सुझाव मांगे थे।

बुधवार को अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस महीने के मन की बात कार्यक्रम में आप की किस तरह के विषयों में रुचि है। इन विषयों को आप माई गोव या नमो एप पर साझा कर सकते हैं।

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