रिसर्च मड़ई: शिक्षकों ने बताये अनुभव, शिक्षा विभाग-अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन का संयुक्त आयोजन

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नगरी, समग्र शिक्षा, एवं अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के सयुंक्त तत्वधान में दिनांक 14 और 15 मार्च 2024, को रिसर्च मड़ई कार्यक्रम का आयोजन अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के जिला संस्थान, शंकरदाह, धमतरी में किया गया.

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रायपुर| जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नगरी, समग्र शिक्षा, एवं अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के सयुंक्त तत्वधान में दिनांक 14 और 15 मार्च 2024, को रिसर्च मड़ई कार्यक्रम का आयोजन अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के जिला संस्थान, शंकरदाह, धमतरी में किया गया.

इस कार्यक्रम के दौरान पूरे जिले से कुल 14 शिक्षक, 7 प्रधानपाठक और 3 सीएसी ने अपनी कक्षा और स्कूल में किए क्रियात्मक शोध कार्यों को सभी के समक्ष प्रस्तुत किए. प्रस्तुतीकरण पर आने वाले सवालों पर उन्होने अपने अनुभव पर आधारित प्रतिक्रिया व्यक्त किये . इन प्रस्तुतियों में भाषा, गणित, पर्यावरण, विज्ञान, और सद्भावना स्कूल से संबन्धित विषयों से जुड़े हुए कक्षागत प्रक्रिया, कक्षा शिक्षण के अनुभव, सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण और उनका उपयोग, कक्षाओं में बच्चों के अनुभव, समुदाय के साथ कार्य शामिल थे. इनके साथ-साथ स्कूल व संकुल स्तरीय नेतृत्वकर्ताओं के कार्यों के अनुभव भी इन प्रस्तुतियों में शामिल रहे. इस कार्यक्रम में पूरे जिले से कुल 220 शिक्षक (132 शिक्षक, 54 प्रधान पाठक और 34 सीएसी) प्रतिभागी के तौर पर शामिल रहे.

प्रस्तुतिकरण के साथ कार्यक्रम में अलग-अलग कार्नर प्रदर्शित भी किए गए थे, जिनमें मुख्य रूप से समर कैंप, रचनात्मक लेखन का कोना, पढ़ने का कोना , प्रस्तुतकर्ताओं का कार्य का कार्नर शामिल थे. समर कैंप एवं रचनात्मक लेखन के कोने में बच्चों के कार्यों को प्रदर्शित किया गया था. इस पूरे कार्य क्रम में प्रतिभागियों नें इन सारे कार्नर का अवलोकन किया और उनकी सराहना किया.

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इस कार्यक्रम में कलेक्टर, जिला धमतरी ,  नम्रता गांधी जी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत , धमतरी , माननीया रोमा श्रीवास्तव जी की सहभागिता रही. उन्होंने शिक्षकों द्वारा किये गए प्रस्तुतिकरण को समय देकर बहुत ध्यान पूर्वक सुना और सभी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही अच्छा मंच है जिसके माध्यम से शिक्षकों को एक दूसरे से सीखने को मिलता है . उन्होने विश्वास जताया कि इससे शिक्षकों को कक्षागत प्रकिया को योजनाबद्ध तरीके से संचालित करने में मदद मिलेगी. इस अवसर पर शिक्षकों द्वारा किये गए दस्तावेजीकरण का संकलन “मेरी शाला अंक -2” पुस्तिका का विमोचन कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, धमतरी द्वारा किया गया.

रिसर्च मड़ई एक ऐसा मंच है, जहा शिक्षक, प्रधान पाठक, सीएसी के द्वारा किए गए क्रियात्मक शोध कार्यों के अनुभवों को साझाकरण होता है. क्रियात्मक शोध के प्रमुख चरणों में समस्याओं की पहचान करना, समस्याओं का वर्गीकरण करना, निराकरण के उपायों की समझ बनाना, उपायों के प्रक्रियाओं पर कार्य करना व प्राप्त परिणाम का विश्लेषण करना शामिल होता है. यह अनुभव साझाकरण इसलिए महत्वपूर्ण है कि एक कक्षा से जुड़े अनुभव दूसरे शिक्षकों के लिए अपनी चुनौतियों से निपटने में उतने ही प्रभावशाली साबित हो सकते हैं. ऐसे मंचों से मिलने वाले सलाह-सुझाव को आत्मसात करते हुए हमें आगे की यात्रा तय करने में मदद मिल सकती है. यह शिक्षा की इस साझी संस्कृति के विकास में भी मददगार होगी.

इस दृष्टि से शिक्षकों के पेशेवर क्षमता वर्धन हेतु समालोचनात्मक चिन्तन को प्रोत्साहित करने की दिशा में इसे एक बेहतर पहल कहा जा सकता है.  उम्मीद है कि यह समालोचनात्मक चिंतन शिक्षकों के पेशेवर क्षमतावर्द्धन के लिहाज़ से काफी प्रेरक साबित होगा. कार्यक्रम की समाप्ति प्रस्तुतकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र के वितरण के साथ की गई.

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