अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन द्वारा ईंट-भट्ठा मजदूरों के बच्चों के लिये ‘समर कैंप’

अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन, बेमेतरा के सदस्यों द्वारा बेमेतरा नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत गुनरबोड़ गाँव के ईंट-भट्ठा पर कार्य करने वाले श्रमिकों के 25-30 बच्चों के लिए ‘समर कैंप’ आयोजित किया जा रहा है।

0 175
Wp Channel Join Now

रायपुर| अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन, बेमेतरा के सदस्यों द्वारा बेमेतरा नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत गुनरबोड़ गाँव के ईंट-भट्ठा पर कार्य करने वाले श्रमिकों के 25-30 बच्चों के लिए ‘समर कैंप’ आयोजित किया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा  और APC कमल नारायण शर्मा से बातचीत के पश्चात अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन, बेमेतरा के सदस्यों के सहयोग से बेमेतरा नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत गुनरबोड़ गाँव के ईंट-भट्ठा पर कार्य करने वाले श्रमिकों के 25-30 बच्चों के लिए ‘समर कैंप’ आयोजित किया जा रहा है।

बता दें बेमेतरा जिले के अलग-अलग ग्राम से आजीविका कमाने के लिए प्रवास की मजबूरी के कारण इन श्रमिकों के बच्चे पढ़ने-लिखने की प्रक्रिया से दूर हो जाते हैं। उन्हें अपने ग्राम स्थित शाला को छोड़कर जाना पड़ता है जिससे उनमें कक्षा अनुरूप वांछित कौशल विकसित नहीं हो पाते हैं।

ऐसे में इन बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने व कोविड 19 महामारी के दौरान पढ़ने-लिखने संबंधी हुए नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से रोचक गतिविधियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में शासकीय प्राथमिक शाला, कोबिया के 4 शिक्षक साथी भी दिवसवार सहयोग कर रहे हैं।

अगले 7 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में खेल व रोचक गतिविधियों जैसे चित्र पठन, चित्रकला, कहानी लेखन, हाव भाव द्वारा कविता पठन, नंबर गेम, नंबर जंप, गणित के पहेलियाँ, टोपी, मुखौटा निर्माण आदि के माध्यम से इन बच्चों में आत्मविश्वास जगाने, मौखिक भाषा विकास के साथ-साथ बुनियादी पढ़ने-लिखने एवं गणितीय कौशल विकसित करने पर कार्य करने की योजना है।

अभी तक तीन दिनों का कार्य हुआ है। योजना अनुरूप कार्य करते हुए पहले दिन बच्चों से घुलने-मिलने के उद्देश्य से दो तरह की बहुत ही आनंददायी गतिविधि ‘नंबर गेम’ और ‘नंबर जंप’ कारवाई गई।

दोनों ही गतिविधि बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास, मौखिक भाषा विकास, संख्या नाम एवं उसके निर्धारित संकेत को समझने, गणित के एक अंक के जोड़-घटाव संक्रिया सीखने से संबंधित थे।

दूसरे दिन ‘बालगीत – एक बुढ़िया ने बोया दाना’ को हाव-भाव के साथ गाते हुए बच्चे इसके एक-एक शब्दों पर काफी विस्तृत बात करते हुए लोटपोट हो गए।

तीसरे दिन बच्चों की ही फरमाइश पर ‘नंबर जंप’ फिर से खेला गया। इस दौरान उन्हें दो अंकों वाली संख्या पहचान और जोड़ पर कार्य किया गया। एक अन्य गतिविधि ‘डंडे का खेल’ ने उनको खूब गुदगुदाया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.