झीरम जांच आयोग: छत्तीसगढ़ AG ने बंद लिफाफे में शासन को सौंपा अभिमत
झीरम घाटी जांच आयोग की रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद मचे बवाल के बाद छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता (AG )सतीशचंद्र वर्मा ने अपनी राय से राज्य शासन को अवगत कराया है।
बिलासपुर ।झीरम घाटी जांच आयोग की रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद मचे बवाल के बाद छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता (AG )सतीशचंद्र वर्मा ने अपनी राय से राज्य शासन को अवगत कराया है। राज्य शासन ने AG से सलाह मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने बंद लिफाफे में अपना अभिमत दिया है।
AG ने कहा कि चूंकि आयोग का गठन मंत्रिपरिषद् के निर्णय पर किया गया था, इसलिये इसकी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को ही मिलनी चाहिये। संविधान के अनुच्छेद 166 की धारा 2 (3) में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार किस तरह कार्य करेगी।
बता दें कि बस्तर के झीरम घाटी कांड में न्यायिक जांच आयोग द्वारा रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को मीडिया से कहा कि आखिर केंद्र सरकार झीरम घाटी के षड्यंत्र में किसे बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि झीरम में षड़यंत्र हुआ था और केंद्र सरकार व पूर्व की भाजपा को सरकार इसे भली-भांति जानती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य शासन को आखिर जांच करने से क्यों रोका जा रहा है। फाइल क्यों नहीं दी जा रही। केंद्र सरकार का इसमें बड़ा षड़यंत्र है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि यह रिपोर्ट विधानसभा की संपत्ति है, राज्यपाल को चाहिये कि वे इसे बिना देखे राज्य सरकार को सौंप दें।
दूसरी तरफ भाजपा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि राज्यपाल के विरुद्ध मर्यादा से हटकर टिप्पणी की जा रही है। सरकार को राज्यपाल के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिये।
झीरम कांड के जांच प्रतिवेदन को राज्यपाल को सौंपने पर कांग्रेस में बौखलाहट क्यों?
झीरम कांड के जांच प्रतिवेदन को राज्यपाल को सौंपने पर कांग्रेस में बौखलाहट क्यों? – श्री @dharam_kaushik जी, नेता प्रतिपक्ष, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/d99mfU6Ii6
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) November 7, 2021