डायरी कांड: रिटायर्ड DEO निकला मास्टर माइंड
शिक्षा विभाग में कथित 366 करोड़ के डायरी कांड का मास्टर माइंड रिटायर्ड DEO निकला| संविदा नियुक्ति नहीं मिलने के बाद उसने अफसरों को बदनाम करने का पूरा प्लान बनाया था | उसके दो सहयोगियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | आरोपियों ने पुलिस के सामने को कबूल किया है कि डायरी पूरी तरह फर्जी है|
रायपुर। शिक्षा विभाग में कथित 366 करोड़ के डायरी कांड का मास्टर माइंड रिटायर्ड DEO निकला| संविदा नियुक्ति नहीं मिलने के बाद उसने अफसरों को बदनाम करने का पूरा प्लान बनाया था | उसके दो सहयोगियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है | आरोपियों ने पुलिस के सामने को कबूल किया है कि डायरी पूरी तरह फर्जी है|
डायरी कांड के इस मामले का खुलासा आज रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी और शहर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने किया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम रिटायर्ड डीई ओ गेंदराम चंद्राकर, सहयोगी संजय सिंह ठाकुर और कपिल कुमार देवदास है।
पत्रकारवार्ता में एसएसपी ने बताया कि पीड़ित आशुतोष चावरे ने थाना राखी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ इंद्रावती भवन नवा रायपुर में कार्यरत है। कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा प्रार्थी को बदनाम करने की नीयत से उसके नाम का फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न गणमान्य एवं अधिकारियों की शिकायत संबंधी पत्र एवं माननीय शिक्षा मंत्री के पीए की कथित डायरी की प्रति के साथ विभिन्न स्थानों से विगत कुछ दिनों से प्रेषित किये जा रहे है | विभागीय अधिकारियों की छवि खराब की जा रही है। जिस पर थाना राखी में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था ।
मामले में एक टीम का गठन किया गया जिसने मामले की छानबीन की | टीम ने प्रार्थी के नाम से प्रेषित शिकायत पत्र की पड़ताल की । जिसमें किसी विभागीय के शामिल होने की सम्भावना नजर आई | जाँच के क्रम में पोस्ट आफिस के सीसीसीटीवी में संधिग्ध कपिल कुमार देवदास की पहचान की गई |
वहीं तकनीकी विश्लेषण में कपिल द्वारा अपने मोबाईल फोन से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर से संपर्क करना पाया गया।
इसी समय टीम शिक्षा विभाग के स्टाफ अजय सोनी से पूछताछ की जा रहीं थी। जिसने कथित डायरी के तथ्यों को काल्पनिक व निराधार बताया साथ ही इस कृत्य को अंजाम देने में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर पर संदेह व्यक्त किया।
दोनों कड़ियां आपस में जुड़ने के बाद पुलिस टीम ने गेंदाराम चन्द्राकर की पतासाजी कर पकड़ा गया। टीम के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने गेंदाराम चन्द्राकर द्वारा अपने अन्य दो साथी कपिल कुमार एवं संजय कुमार सिंह के साथ मिलकर इस पूरे घटना क्रम को अंजाम देना बताया गया। घटना में संलिप्त कपिल कुमार एवं संजय सिंह ठाकुर को भी पकड़ा गया।
पूछताछ में यह तथ्य सामने आये
DEO गेंदाराम चन्द्राकर की सेवा निवृत्ति जनवरी – 2021 में हुई। गेंदाराम चन्द्राकर संविदा पद पर नियुक्ति चाह रहा था। इस हेतु उसने कई तरह के प्रयास किये किंतु वह सफल नहीं हो पाया और वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन ए.एन.बंजारा की नियुक्ति उस पद पर हो गई। अपनी संविदा नियुक्ति की फाईल रूकवाने के पीछे वह ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ.एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा व निज सचिव अजय सोनी की मिली भगत को जिम्मेदार मानता था।
इन सब कारणों से उक्त समस्त व्यक्तियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से गेंदाराम चन्द्राकर ने अपने मित्र संजय सिंह के माध्यम से शिक्षा विभाग में ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर लेन देन की मनगंढ़त कहानी बनाकर शिकायत करने की योजना बनायी।
जानें पूरा मामला
शिक्षा विभाग में एक कथित डायरी के माध्यम से पदस्थापना के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया गया था। लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर युक्त फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात को प्रचारित किया जा रहा था कि शिक्षकों के पदस्थापना में लेनदेन की गयी है ।
इसके बाद आशुतोष चावरे ने नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में अपनी तरफ से गुरुवार को FIR दर्ज करायी थी। जिसमें कहा गया था कि विगत दो माह से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके नाम, पदनाम और सील का छद्म उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है। चावरे के अनुसार लेनदेन से संबंधित आरोपों वाले शिकायती पत्र में उनके जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है और इसके माध्यम से उनकी तथा विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की गयी है।
बता दें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मुलाकात कर शिक्षा विभाग से संबंधित प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी |