बारनवापारा जंगल के तालाब में मिला शिशु मगरमच्छ, जंगल सफारी भेजा गया

पिथौरा क्षेत्र के समीप बारनवापारा अभ्यारण्य में सोमवार को एक शिशु मगरमच्छ  जंगल के तालाबों के चक्कर काटते पाया  गया| लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से उसे नया रायपुर स्थित जंगल सफारी भेजा  गया है।

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पिथौरा| पिथौरा क्षेत्र के समीप बारनवापारा अभ्यारण्य में सोमवार को एक शिशु मगरमच्छ  जंगल के तालाबों के चक्कर काटते पाया  गया| लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से उसे नया रायपुर स्थित जंगल सफारी भेजा  गया है। ज्ञात हो कि बार अभ्यारण्य में पर्यटकों को लुभाने एक तालाब बना कर वहां दो मगरमच्छ लाये गए थे। परन्तु समय के साथ दोनों ही मगरमच्छ मारे गए थे परन्तु उक्त मगरमच्छ के 2 बच्चे अब बढ़ गए है जिनमे एक बच्चा तालाब से बाहर निकल कर भटकता देख ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी थी।

मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों कुछ ग्रामीणों ने वन अधिकारियो को एक छोटे से मगरमच्छ को एक तालाब से दूसरे तालाब में आनेजाने की सूचना दी थी।इसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी कृशानु चंद्राकर द्वारा उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद उक्त मगरमच्छ को जंगल सफारी ले जाने का निर्णय लिया गया।इनके बाद कल सोमवार को बच्चे मगरमच्छ को पकड़ कर जंगल सफारी भेज दिया गया।

 सात वर्ष पूर्व लाये गए थे दो मगरमच्छ
ज्ञात हो कि विगत सात वर्ष पूर्व एक नर एवम एक मादा मगरमच्छ बार अभ्यारण्य के मरेर तालाब में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लाए गए थे।परन्तु एक मगरमच्छ दो वर्ष के भीतर ही मारा गया था जबकि दूसरा विगत दो वर्ष पूर्व ही लापता हो गया था।परन्तु अब अचानक एक छोटा मगरमच्छ देखे जाने के बाद पूरा वन विभाग आश्चर्य चकित है। वही ग्रामीणों के अनुसार एक और छोटा मगरमच्छ भी मरेर तालाब में होने की खबर है।वन विभाग दूसरे मगरमच्छ के भी होने की पुष्टि करने के लिए क्षेत्र के तालाबों का गहन निरीक्षण कर रहा है।

बार नयापारा अभ्यारण्य: जंगल में छोड़े गये काले हिरण, शिकार की आशंका
प्रतीकात्मक तस्वीर

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वनभैंसा एवम काला हिरन भी मौजूद
बार अभ्यारण्य में पर्यटकों को लुभाने काला हिरण एवम वन भैंसा भी लाये गए है।अब तक एक बाड़े में कैद काले हिरणों में अब तक कुल 40 हिरण जंगल मे छोड़े गए है इनमे 2 हिरणों की विगत दिनों विभिन्न कारणों से मौत भी हो चुकी है।जबकि वन भैंसे वातावरण से ढ़लने के लिए अब भी एक बाड़े में कैद है जो कि स्वयम को खुले में विचरण हेतु छोड़ने का इंतजार  कर रहे हैं।

बारनवापारा अभयारण्य के जंगलों में छोड़े गए दो काले हिरणों की मौत

रेंजर ने पुष्टि की
इधर शिशु मगरमच्छ  पकड़े जाने एवम उसे जंगल सफारी भेजे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पकड़े गए मगरमच्छ की उम्र कोई 8 माह से एक साल के भीतर हो है। एक और छोटे मगरमच्छ के होने की जानकारी ग्रामीणों से मिली है।उसकी भी तलाश की जा रही है।चूंकि अभी ये मगरमच्छ काफी छोटे है लिहाजा सुरक्षागत कारणों से इन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार जंगल सफारी नया रायपुर भेजा जा रहा है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा की  रिपोर्ट

 

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