छत्तीसगढ़: बाप ने चाकू से 5 बरस के बेटे की दोनों आँखें फोड़ीं
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के ग्राम ठाकुर् दिया खुर्द निवासी युवक ने अपने 5 बरस के बेटे पुत्र जय कुमार सिन्हा की अपने ही हाथों चाकू से दोनों आंखे फोड़ दी. मासूम की माँ नहीं है.
पिथौरा| छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के ग्राम ठाकुर् दिया खुर्द निवासी गजानन सिन्हा नामक बाप ने अपने 5 बरस के बेटे जय कुमार सिन्हा की अपने ही हाथों चाकू से दोनों आंखे फोड़ दी. मासूम की माँ नहीं है. लिहाजा उसकी दादी उसके उपचार के लिए प्रयासरत है. घटना के असल कारणों का पता नहीं चल सका है. पुलिस पूछताछ में जुटी है.
सोमवार की रात कोई 9 बजे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ऐसा मामला आया जिसे देखकर डॉक्टर सहित मेडिकल स्टाफ की आंखे भी नम हो गयी. रात्रिकालीन डयूटी में मौजूद चिकित्सा स्टाफ ने बताया कि रात कोई 9 बजे 108 एम्बुलेंस से एक 5 वर्षीय बच्चे को लाया गया. इस बच्चे की दोनों आंखे खून से लथपथ थी. साथ मे जय कुमार की दादी थी.दादी ने डॉक्टरों को बताया कि उसके पोते की आंख उसके बेटे एवम जय के पिता गजानन सिन्हा ने चाकू से फोड़ डाली.
रात्रिकालीन डयूटी में मौजूद डॉक्टर अवनीश ने इस प्रतिनिधि को बताया कि रात कोई 9 बजे ज़ब गजानन की माँ अपने पोते जय कुमार को लेकर आई तब वह परेशान थी. उसका पोता लहूलुहान था. दोनों आंखे बाहर दिख रही थी. ऐसी स्थिति में अस्पताल में मौजूद चंद स्टाफ भी बेचैन हो गया था. सभी यह सोच कर बच्चे के प्रथम उपचार में जुटे थे कि जैसे तैसे उसकी आंखें वापस आ जाये. इसी को ध्यान में रखते हुए तत्काल जय को प्रथम उपचार दे कर तत्काल जिला मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. जहां से उच्च उपचार हेतु उसे रायपुर भेजने की खबर है.
एम्बुलेंस की कमी,डॉक्टर ने कराई व्यवस्था
रात में लगातार दुर्घटनाओं के कारण 108 एम्बुलेंस व्यस्त थी।112 डायल भी मोबाइल अटेंन नही कर रहे थे लिहाजा निजी एम्बुलेंस से स्वयम खर्च देने की बात कर जिला अस्पताल भेजा गया.
फोन आया और आंख फोड़ दी
जय की दादी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा के स्टाफ को बताया कि रात में बेटे गजानन ने किसी से मोबाइल पर बात की और उसने बच्चे की आंख फोड़ने कहा और उसके बेटे ने पोते की चाकू से आंख फोड़ दी.
बहरहाल घटना के बाद स्थानीय पुलिस आरोपी पिता गजानन सिन्हा को पकड़ कर उससे पूछताछ में जुट गई है.
deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा