नर चीतल मृत अवस्था में मिला, आपसी संघर्ष का नतीजा, तीर या करंट से मौत का भी संदेह?

स्थानीय वन परिक्षेत्र के ग्राम कोटादादर के पास एक नर चीतल मृत अवस्था मे मिला है.ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय वन अफसरों ने चीतल का पोस्टमार्टम करवा कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है.चीतल की मौत का कारण दो नर चीतलों में आपसी संघर्ष को माना जा रहा है.

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पिथौरा| स्थानीय वन परिक्षेत्र के ग्राम कोटादादर के पास एक नर चीतल मृत अवस्था मे मिला है.ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय वन अफसरों ने चीतल का पोस्टमार्टम करवा कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है.चीतल की मौत का कारण दो नर चीतलों में आपसी संघर्ष को माना जा रहा है.
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कल मंगलवार की दोपहर कोई 3 बजे ग्रामीणों ने एक चीतल के ग्राम के समीप ही मृत पड़े होने की खबर वन विभाग को दी.खबर मिलते ही विभागीय अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे .मौका मुआयना कर पंचनामा के बाद शव को स्थानीय वन काष्ठागार लेकर उसका पोस्टमॉर्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
उक्त सम्बन्ध में प्रभारी रेंजर मोतीलाल साहू ने इस प्रतिनिधि को बताया कि मृत चीतल कोई 3 से 4 वर्ष का था. पोस्टमॉर्टम की शार्ट रिपोर्ट के अनुसार चीतल के गले के पास एक जख्म पाया गया जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व मृत चीतल का अन्य नर चीतल से आपसी संघर्ष हुआ होगा जिसके कारण चीतल को सिंग से गले के पीछे की टांग के पास चोट आई होगी. जो कि अब इन्फेक्शन की वजह से घाव बन गया जो कि चीतल की मौत का कारण बना.

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चोट शिकारियों के तीर या करंट के!
दूसरी ओर क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने वन विभाग के आपसी संघर्ष में चीतल की मौत वाले बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया है. जानकार प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार चीतल के शरीर मे अगले पैर एवम पेट के पास चोट के चिन्ह है. जो चीतलों के आपसी संघर्ष के नही लगते. इन दिनों विद्युत प्रवाहित फंदे एवम तीर कमान से वन्य प्राणियों के शिकार बहुतायत में हो रहे हैं. शायद यह भी शिकार का मामला है. चोट शिकारियों के तीर या करंट के हो सकते है. वह विभाग अपनी विफलता को छिपाने के लिए इसे नर चीतलों के बीच आपसी संघर्ष का मामला बता रहा है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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