विशेष रिपोर्ट : दुर्ग सांसद नानक सागर में ट्रैफिक रूल तोड़ते रोके गये

महासमुंद जिले के प्रसिद्ध ग्राम नानक सागर में विगत दिनों निजी दौरे पर आए दुर्ग सांसद विजय बघेल को  ग्राम के एक बच्चे ने ट्रैफिक रूल तोड़ते पाकर रोका और समझाते हुए हरी बत्ती की ओर से चौक पार करने की हिदायत दे दी। एक छोटे से बच्चे की इस हिदायत से सांसद ने प्रसन्नता से  बच्चे की तारीफ की।

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पिथौरा|  महासमुंद जिले के प्रसिद्ध ग्राम नानक सागर में विगत दिनों निजी दौरे पर आए दुर्ग सांसद विजय बघेल को  ग्राम के एक बच्चे ने ट्रैफिक रूल तोड़ते पाकर रोका और समझाते हुए हरी बत्ती की ओर से चौक पार करने की हिदायत दे दी। एक छोटे से बच्चे की इस हिदायत से सांसद ने प्रसन्नता से  बच्चे की तारीफ की।
श्री गुरुनानक देव जी के नानक सागर में दो दिन रुकने की जानकारी आम होते ही यह ग्राम रातों रात चर्चा में आ गया।ग्राम में पूर्व से ही अनुशासन देश भर में एक उदाहरण बन कर सामने आया है।अब ग्रामीणों द्वारा ग्राम चौक चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए है।इसी सिग्नल की जद में विगत दिनों निजी दौरे पर नानक सागर पहुचे दुर्ग सांसद भी आ गए।

सांसद विजय बघेल की कार पहले आम ग्रामो में प्रवेश करने जैसे सीधे प्रवेश करने वाले थे परन्तु उनकी कार देख कर अपनी ड्यूटी में तैनात ग्राम के ही एक  बालक  जयंत सेठ ने सांसद की कार रोक कर उन्हें लाल बत्ती दिखाई और हरी बत्ती की ओर से जाने के निर्देश दिए।

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ग्रामीण अनुशासन की इस कार्यशैली से श्री बघेल नाराज नही हुए बल्कि ग्राम के इस बालक जयंत सहित पूरे ग्रामवासियों के इस कदम की भूरी भूरी प्रशंसा की।श्री बघेल ने इस प्रतिनिधि को बताया कि नानक सागर प्रदेश ही नही देश भर के लिए एक बड़ा उदाहरण बन कर उभरा है।


देशी जुगाड़ से बनाया ट्रैफिक सिग्नल
ग्राम नानक सागर के ग्रामीण अपने ग्राम के बच्चों को भी पुरी तरह से प्रत्येक क्षेत्र में शिक्षित करने के संकल्प पर काम कर रहा है।शहरों में और सड़कों पर अक्सर ट्रैफिक नियमों  की अनदेखी से ही अधिकांश हादसे होते है इनसे अपने चिरागों को बचाने के लिए ही ग्रामीण ट्रैफिक नियमों  के पालन करवाने में बच्चों को ही आगे रख कर चल रहे है।और ग्राम के अन्य चमत्कारिक कार्यो की तरह यह कार्य भी योजनबद्ध तरीके से चल रहा है।

नानक डेरा क्षेत्र में कुत्ते भी गंदगी नहीं करते
इधर नानक सागर दौरे पर पहुचे इस प्रतिनिधि को ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में श्री गुरुनानक देव जी के 517 साल पहले आगमन हुआ था।यह पूरा ग्राम मानता है।श्री गुरुनानक देव जी जिस स्थान पर नीम के पेड़ की छांव में बैठ कर विश्राम किये थे। आज वह स्थान नानक डेरा एवम नानक कुरिया के नाम से जाना जाता है।परन्तु यहां का सबसे आश्चयजनक सत्य यह है कि नानक डेरा के 100 मीटर से अधिक परिधि क्षेत्र में कोई कुत्ता गंदगी नही करता। ग्रामीण इसे पूरी तरह अपनी आस्था एवम विश्वास से जोड़ कर देखते है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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