लाखागढ़: बरसते पानी में ढलाई, सरपंच द्वारा सरकारी जमीन पर दुकानें बना बेचने का मामला

समीप की ग्राम पंचायत लाखागढ़ में सरपंच द्वारा सरकारी भूमि पर निजी खर्च से दुकाने बनाकर बेचने के मामले में शिकायत के बाद आज शुक्रवार को बरसते पानी मे आनन फ़ानन में ढलाई की जा रही है.

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पिथौरा| समीप की ग्राम पंचायत लाखागढ़ में सरपंच द्वारा सरकारी भूमि पर निजी खर्च से दुकाने बनाकर बेचने के मामले में शिकायत के बाद आज शुक्रवार को बरसते पानी मे आनन फ़ानन में ढलाई की जा रही है. ज्ञात हो कि उक्त सरकारी भूमि अभिलेख के अनुसार लाखागढ़ प्राथमिक शाला के अधीन है. जिस पर शिक्षा विभाग की अनुमति के बगैर निर्माण नहीं कराया जा सकता.

मिली जानकारी के अनुसार कोई पखवाड़े भर पूर्व सम्पन्न लाखगढ़ ग्राम पंचायत चुनाव में प्रियरंजन कोसरिया लगातार चौथी बार चुनाव जीते थे. ग्राम के एक मात्र तालाब को करीब आधा पाटकर वहां निजी तौर पर दुकाने बना कर बेचने के आरोपो में घिरे सरपंच अब ग्राम के प्राथमिक शाला परिसर में दुकाने बना कर बेचने के मामले में घिर रहे है.

उक्त मामले की शिकायत ग्राम लाखागढ़ के अरविंद एवम बेदराम कोसरिया द्वारा कलेक्टर जनदर्शन सहित स्थानीय स्तर पर की है. शिकायत होने की जानकारी मिलते ही आज आनन फानन में बरसते पानी मे ही 8 दुकानों का लेंटर डाल दिया गया.

शिकायत कर्ताओं के सामने अपनी आंखों के सामने अवैध निर्माण होता दिख रहा है परन्तु किसी भी अधिकारी द्वारा उनकी शिकायत पर संज्ञान नही लिए जाने से अब लाखागढ़ प्राथमिक शाला की भूमि पर खुलेआम कब्जा कर दुकाने बेची जा रही है.जिससे भविष्य में स्कूल उन्नयन सहित शिक्षा विभाग के अन्य प्रयोजनों हेतु रखी गयी भूमि निजी हाथों में चली गयी है.

ज्ञात हो कि इसी पंचायत में इसके पूर्व तालाब में पानी कम होते ही इसमें भी निजी वेल्डिंग वर्क वाले द्वारा दुकाने बना कर बेच दी गयी. आज तालाब की भूमि पर एक ट्रैक्टर शोरूम संचालित है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नही होने से ग्रामीण पूरे मामले में उच्च अफसरों एवम नेताओ की मिलीभगत मान रहे है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

 

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