बारनवापारा के रवान रेंज में लाखों का सागौन राख

छत्तीसगढ़ वन विकास निगम बारनवापारा के कक्ष क्रमांक 144 में गर्मी से लगी आग में लाखों की स्वर्ण काष्ठ सागौन जल कर राख हो गया ।

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पिथौरा| छत्तीसगढ़ वन विकास निगम बारनवापारा के कक्ष क्रमांक 144 में गर्मी से लगी आग में लाखों की स्वर्ण काष्ठ सागौन जल कर राख हो गया ।विभागीय डीएम ने इस क्षेत्र का दौरा भी किया परन्तु अग्नि दुर्घटना रोकने के उपाय करने की बजाय मात्र  लकड़ियों का मलवा ही देख कर  लौट गए।

ग्रामीणों  के अनुसार बार वन विकास निगम परियोजना मंडल के अन्तर्गत परियोजना परिक्षेत्र रवान रेंज के जंगल में कक्ष क्रमांक 144 में इस वर्ष भयानक आग लगने से कुप कटाई कर रचे गए सागौन का गोला,लड्डा,चट्टा भारी संख्या में जल कर राख हो गये। जिनका वास्तविक मुल्यांकन किया जाए तो नुकसान करोड़ों रुपये  में होगा।

ग्रामीणों की मानें तो निगम अफसरों की लापरवाही में अब तक कोई कमी नहीं  आई है । वे अब भी पूर्व की तरह लापरवाह बने हैं और अफसरों का दौरा भी मात्र नुकसान छिपाने के लिए ही होता प्रतीत हो रहा है।

फायर वाचर नहीं , आग से बचाने कोई नहीं  

बेशकीमती सागौन से आच्छादित वन विकास निगम के क्षेत्रों में सागौन काट कर उसके लट्ठे बल्ली और जलाऊ चट्टा बना कर काष्ठागर तक पहुचाने का कार्य वन विकास निगम का है। परन्तु पेड़ो के कटने और उनकी संख्या हेतु जंगल में  ही थप्पी करने के बाद उसे चोरी एवम अग्नि दुर्घटना से बचाने विभाग के पास कोई कर्मचारी नहीं है।

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लिहाजा करोड़ों  के राजस्व देने वाले सागौन एवम मिश्रित प्रजाति के पेड़ों की कटाई के बाद अक्सर चोरी एवम आगजनी की ख़बरें  सुर्खियां  बनती रहती है। परन्तु शासन-प्रशासन द्वारा कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता जिससे सरकार का करोड़ों  का प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है।

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इसके अलावा विभाग के कर्मचारी अधिकारी भी मुख्यालय से बाहर 20 से 50 किलोमीटर दूर रहते है। जो कि किसी घटना के समय ही आना जाना करते हैं। मुख्यालय में  तालाबंद रहता है|

नाम न छापने की  शर्त पर  विभाग के एक दिहाड़ी कर्मचारी ने बताया कि रवान रेंज के चारों दिशाओं में अभी आग लग चुकी है विभाग के अफसर नुकसान पर मात्र लिपा पोती में ही लगे है। आग जले वाले शेष बचें हिस्सा को हटाने का काम भी मजदूरों द्वारा करवाया जा रहा है। ताकि उच्च अफसरों को सब ठीक ठाक लगे।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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