वन विभाग आखिर आवारा कुत्तों पर क्या करेगा?   

समीप के देवपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कुरकुट्टी ग्राम के समीप विगत दिनों कुत्तों के काटने से एक काले हिरण की मौत के बाद वन विभाग ने कुत्तों के मालिकों पर कार्यवाही की चेतावनी दी है. अब ग्रामीण वन अफसरों से यह जानना चाहते है कि वन विभाग आखिर आवारा कुत्तों पर क्या करेगा?   

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पिथौरा| समीप के देवपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कुरकुट्टी ग्राम के समीप विगत दिनों कुत्तों के काटने से एक काले हिरण की मौत के बाद वन विभाग ने कुत्तों के मालिकों पर कार्यवाही की चेतावनी दी है. अब ग्रामीण वन अफसरों से यह जानना चाहते है कि वन विभाग आखिर आवारा कुत्तों पर क्या करेगा?

जंगलों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा में चूक के कारण कभी कभी वन्य प्राणी मारे जाते हैं. तो कभी शिकारी अपना करंट युक्त जाल लगा कर वन्य प्राणियों का शिकार करते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला विगत दिनों देवपुर वन परिक्षेत्र में सामने आया जब बार जंगल का सबसे महत्वपूर्ण वन्य प्राणी काला हिरन भोजन पानी की तलाश में जंगल से बाहर आ गया और आवारा कुत्तों का शिकार होकर मारा गया था.

देवपुर वन परिक्षेत्र के कुरकुटी में कुत्तों के हमले में काले हिरन की मौत : देखें वीडियो

ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्त न हो इसके लिए वन विभाग द्वारा एक हास्यास्पद आदेश जारी कर मुनादी करवा दी कि ग्राम के कुत्ता मालिक अपने कुत्ते घर में ही रखें. यदि किसी कुत्ते के काटने से किसी भी वन्य प्राणी की मौत हुई तो कुत्ता मालिक पर कार्यवाही की जाएगी.

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ग्रामीण विभाग के उक्त आदेश से हैरान हैं. ग्रामीण बताते हैं कि ग्राम में कोई पालतू कुत्ता नहीं है. सभी आवारा कुत्ते हैं जो कि ग्राम में घूमते रहते हैं. यदि इन कुत्तों ने किसी को काट लिया तो आखिर वन विभाग कार्यवाही किस पर करेगा.

इसके अलावा एक अन्य निर्देश में वन विभाग द्वारा जी आयी तार लगाने वालों पर ही कार्यवाही करने की चेतावनी दे दी. पत्र के अनुसार कोई भी ग्रामीण अपने खेत मे जी आयी तार न लगाएं एवम इसमें करंट प्रवाहित न करे किसी वन्य प्राणी के मारे जाने पर खेत मालिक को ही आरोपी माना जायेगा. वन विभाग के उक्त आदेशो से ऐसा लगता है कि वन्य प्राणियों के शिकार की जिम्मेदारी वन विभाग की नही बल्कि ग्रामीणों एवम कुत्तों की है.

ग्रामीणों ने वन विभाग से प्रश्न किया है कि क्या कोई किसान अपने खेत मे फेंसिंग में तार लगा कर उसमें करंट प्रवाहित कर सकता है. ये काम मात्र शिकारी ही करते हैं.

बता दें किसान खेतों की रखवाली के लिए अक्सर कुत्ते पालते हैं जो उनके काम के दौरान साथ में ही होते हैं. ये कुत्ते खास कर बंदरों को भगाने में लगे रहते है या उन्हें संभावित जंगली जानवरों से किसान को आगाह करते हैं.  वहीं करंट लगाने वाले शिकारी का ठीकरा किसान के माथे फोड़ा जा रहा.  यह वन विभाग को भी पता है इसके बावजूद विभाग का उक्त आदेश हास्यास्पद ही प्रतीत होता है.

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा

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