हाथियों ने कर दी धमतरी के कई गांवों में शराबबंदी 

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धमतरी|  अब तक जो काम सरकारी अमला नहीं कर पा रहा है उसे हाथियों ने कर दिखाया है| दरअसल हाथियों की आमद ने अवैध शराब बनाने वालों का जीना मुश्किल कर दिया है| धमतरी जिले के कई गांवों में शराबबंदी की हालत हो गई है|

बता दें महुआ शराब की महक से हाथी उन्मत्त हो जाते है और वहाँ धावा बोल देते है| प्रदेश के कई इलाकों में इस तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं|

इन दिनों हाथियों के दो दल धमतरी जिले के नगरी और धमतरी अनुविभाग (ब्लाक) में डेरा डाले हुए हैं। 27 हाथियों का दल ब्लाक मुख्यालय नगरी से 30 किलोमीटर दूर चारगांव, भैंसामुड़ा, मटियाबाहरा, कुदुरपानी और खरका गांव के जंगल में दो महीने से घूम रहा है।

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बता दें इस इलाके में अत्यंत पिछड़ी जनजाति में शामिल कमार भी यहां रहते हैं।

छत्तीसगढ़ के आबकारी कानून में कमारों को स्वयं के उपयोग के लिए सीमित मात्रा में शराब बनाने की इजाजत है। अब हाथियों के कारण ग्रामीण परिवार, मकान व फसल को बचाने के लिए महुए की शराब का प्रयोग ही बंद कर दिया है।

20  हाथियों का दूसरा दल धमतरी से महज 12 किमी दूर तुमराबहार, विश्रामपुर, कसावाही और तुमाबुजुर्ग गांवों के निकट जंगल में हफ्ते भर से डेरा डाले है। ये हाथी रात में गांवों में उत्पात मचा रहे हैं। हालांकि हाथियों ने इन गांवों में कोई बड़ा नुकसान नहीं किया है| इस इलाके के ग्रामीणों के मुताबिक गांवों में एक तरह से अघोषित शराबबंदी है।,

27 हाथियों का दल ब्लाक मुख्यालय नगरी से 30 किलोमीटर दूर चारगांव, भैंसामुड़ा, मटियाबाहरा, कुदुरपानी और खरका गांव के जंगल में दो महीने से घूम रहा है। नगरी क्षेत्र में जहां हाथियों की धमक है , वहां के गांवों में 90-95 फीसद ग्रामीणों ने महुआ शराब पीना, बनाना व महुआ रखना तक बंद कर दिया है।

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