छत्तीसगढ़: धान रकबे में 2 लाख 18 हजार हेक्टेयर का इजाफा, सवा लाख किसान बढ़े

छत्तीसगढ़ में इस बरस किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार  का इजाफा हुआ है| छत्तीसगढ़ में बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है|

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रायपुर| छत्तीसगढ़ में इस बरस किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार  का इजाफा हुआ है| छत्तीसगढ़ में बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है|

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है।

राजनांदगांव पहले स्थान पर, जांजगीर-चांपा दूसरे और महासमुंद  तीसरे स्थान पर

छत्तीसगढ़ में इस साल सरकारी धान खरीदी में राजनांदगांव पहले स्थान पर , जांजगीर-चांपा दूसरे और महासमुंद जिला तीसरे स्थान पर रहा | राजनांदगांव जिले  8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन   जांजगीर-चांपा जिले  में  8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन और महासमुंद जिले में  7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी  की गई|

छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई | हालाकि सरकार ने लक्ष्य 105 मीट्रिक टन का रखा था लेकिन इसने पिछले बरस के रिकार्ड को तोड़ दिया | राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी|

छत्तीसगढ़ में इस साल  में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का महाअभियान कल 7 फरवरी को   सम्पन्न हुआ। इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है।

छत्तीसगढ़ में बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है।

 

एक नजर

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  • वर्ष 2022 में  97.97 लाख मीट्रिक टन
  •  वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन
  • वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक
  • वर्ष  2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य देने के साथ ही फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी। जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई।   किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया।

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव जिला प्रदेश में अग्रणीय रहा है। राजनांदगांव जिले के 149 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के अंतिम तिथि 7 फरवरी तक सर्वाधिक  8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। जांजगीर-चांपा जिला दूसरे क्रम पर रहा है यहां 8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। महासमुंद जिले ने 7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा है।

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 1,58,915 मीट्रिक टन, बीजापुर में 63,703 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा में 17,437 मीट्रिक टन, कांकेर में 3,18,793 मीट्रिक टन, कोण्डागांव में 1,53,322 मीट्रिक टन, नारायणपुर में 22,794 मीट्रिक टन, सुकमा में 46,291 मीट्रिक टन, बिलासपुर में 4,84,119 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 69,356 मीट्रिक टन, कोरबा  में 1,70,237 मीट्रिक टन, मुंगेली में 3,83,622 मीट्रिक टन, रायगढ़ में 5,72,898 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 5,19,469 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।

इसी प्रकार बेमेतरा जिले में 6,30,616 मीट्रिक टन, दुर्ग में 4,17,097 मीट्रिक टन, कवर्धा में 4,16,281 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार में 6,96,431, मीट्रिक टन, धमतरी में 4,31,397 मीट्रिक टन, गरियाबंद में 3,31,512 मीट्रिक टन, रायपुर में 5,09,931 मीट्रिक टन, बलरामपुर में 1,93,867 मीट्रिक टन, जशपुर में 1,54,181 मीट्रिक टन, कोरिया में 1,40,093 मीट्रिक टन, सरगुजा में 2,19,967 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में 2,50,976 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।

खाद्य सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से जारी है। अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है।

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