छत्तीसगढ़: हेड मास्टर को भंडारा बनाने 2 महीने से ज्यादा की छुट्टी

छत्तीसगढ़ में  शिक्षकों से रसोईये (मध्यान्ह भोजन नहीं) का काम लिए जाने से भी शिक्षा विभाग को कोई दिक्कत नहीं हैं. मामला पिथौरा ब्लाक के एक स्कूल का है. जहाँ ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने स्थानीय विधायक के निर्देश पर स्कूल के एक हेड मास्टर को 2 महिना 8 दिन के लिए भंडारा बनाने के लिए छुट्टी दे दी. यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

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रायपुर| छत्तीसगढ़ में  शिक्षकों से रसोईये (मध्यान्ह भोजन नहीं) का काम लिए जाने से भी शिक्षा विभाग को कोई दिक्कत नहीं हैं. मामला पिथौरा ब्लाक के एक स्कूल का है. जहाँ ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने स्थानीय विधायक के निर्देश पर स्कूल के एक हेड मास्टर को 2 महिना 8 दिन के लिए भंडारा बनाने के लिए छुट्टी दे दी. यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

शिक्षकों से जनगणना, सर्वे जैसे कई तरह के शासकीय काम अब तक कराये जाते रहे हैं. पर अब रसोईये (मध्यान्ह भोजन नहीं) का काम लिए जाने से भी शिक्षा विभाग को कोई दिक्कत नहीं हैं, वह भी किसी सेवाभावी संस्था के लिये.

ताजा मामला बसना विधानसभा अंतर्गत पिथौरा ब्लाक के ग्राम बिजेपुर प्राथमिक शाला का है, जहाँ के प्रधान पाठक विश्वामित्र बेहरा को अयोध्या राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर सेवाभावी संस्था नीलांचल सेवा समिति के लिए भंडारा हेतु नियुक्त किया गया. 20 जनवरी 2024 को जारी इस आदेश के मुताबिक अयोध्या में चलने वाले इस भंडारा के लिए 23 जनवरी 2024 से 29 मार्व 2024 (2 महिना 8 दिन ) तक कार्यमुक्त कर दिया गया.

ब्लाक शिक्षा अधिकारी पिथौरा के के ठाकुर से deshdigital से जानकारी ली. श्री ठाकुर ने बताया कि बसना विधायक के लिखित निर्देश पर उन्होंने यह आदेश जारी किया है. एक सेवाभावी संस्था नीलांचल सेवा समिति के लिए उक्त शिक्षक की तैनाती के सवाल पर कहा कि शायद इस संस्था का किसी राजनीतिक दल में अब विलय हो चुका है.

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स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोइय्ये की लंबी अनुपस्थिति में क्या किसी शिक्षक को इस तरह भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है?

इस सवाल पर ब्लाक शिक्षा अधिकारी के के ठाकुर का कहना था कि शिक्षक की जिम्मेदारी भोजन की गुणवत्ता परखने की होती है. उनसे इस तरह के काम नहीं लिए जाते. और न ही अब तक किसी शिक्षक को भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. स्कूलों में रसोइय्ये की लंबी अनुपस्थिति में शिक्षक इस तरह के काम मैनेज कर लेते हैं. इस किस्म का यह मामला पहला है, पहली बार किसी शिक्षक को इसके लिए (भंडारा के लिए) कार्यमुक्त किया गया है.

बता दें 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्री राम मंदिर परिसर से 300 मीट्रिक टन चावल से भरे 11 ट्रकों को झंडी दिखाकर श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के लिए रवाना किया था. सुगंधित चावल अर्पण समारोह में राईस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से जन्मभूमि अयोध्या के लिए सुगंधित चावल भेजा गया था.

अयोध्या में राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कई सेवाभावी संस्थाओं ने अपनी सेवाएं दी थीं और भंडार लगाया था. 24 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अयोध्या में भण्डारे के संचालन के लिए श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से कार्यकर्ताओं की टीम को झंडी दिखाकर रवाना किया था. छत्तीसगढ़ से इन समितियों में नीलांचल सेवा समिति, स्वर्गीय पुरूषोत्तम अग्रवाल फाउंडेशन, काली मंदिर सेवा समिति, एग्रोटेक सोसायटी और अक्षत फाउंडेशन ने यह जिम्मा लिया था.

पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 105 वें एपिसोड में कहा था हमारे देश में शिक्षा को हमेशा सेवा के रूप में देखा जाता है. जिसमे नि:स्वार्थ भाव से सेवा देने वाले उत्तराखंड के कुछ युवकों का जिक्र किया था कि वे किस तरह बच्चों की पढाई लिखाई में मदद कर रहे हैं.

बहरहाल, जहाँ छत्तीसगढ़ प्रदेश के कई  स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. नाराज ग्रामीण स्कूल में ताला जड़ रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों को सेवाभावी संस्था के लिए कार्यमुक्त करना हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है.

 

 

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